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Tantra Marg

समस्या और समाधान

कारण -निदान और आध्यात्मिक उपचार

पारलौकिक शक्तियां -ऊर्जा केंद्र -सिद्धियाँ और सफलता

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  • Spiritual Science

    कौन हैं आपके कुलदेवी /देवता ?क्या पूजा पद्धति है आपके कुलदेवता /देवी की ?

    कैसे जाने अपने कुलदेवता को ?कैसे उनकी पूजा पद्धति बने ? ============================= कुलदेवता और…

    BY

    Tantra Marg
    June 2, 2019
    READ MORE: कौन हैं आपके कुलदेवी /देवता ?क्या पूजा पद्धति है आपके कुलदेवता /देवी की ?
  • Spiritual Science

    महामंगलकारी ,सर्वकष्ट निवारक डिब्बी

    सर्वसौख्य प्रदायक ,सर्वदुष्प्रभाव नाशक डिब्बी ========================= ज्योतिष में ,वैदिक पूजन में ,कर्मकांड में और…

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    Tantra Marg
    May 31, 2019
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  • Spiritual Products

    सभी तरह के उपाय असफल हों तब प्रयोग करें दिव्य गुटिका /डिब्बी

    जब सब उपाय करके थक जाएँ तब आजमायें दिव्य डिब्बी /गुटिका ——————————————————————-                    समस्या कोई…

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    Tantra Marg
    May 28, 2019
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  • Spiritual Products

    जीवन के सभी समस्याओं में उपयोगी है दिव्य गुटिका /डिब्बी

    जीवन की सभी समस्याओं का निदान है दिव्य डिब्बी /गुटिका में =================================       वर्षों वर्ष…

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    Tantra Marg
    May 28, 2019
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  • Spiritual Products

    महाकाली महाविजय ताबीज [ कवच ]

    महाकाली महाविजय कवच /ताबीज ======================            भगवती महाकाली दस महाविद्याओ…

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    Tantra Marg
    May 28, 2019
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  • Spiritual Products

    कठिन से कठिन कामनाएं पूर्ण करती है दिव्य डिब्बी /गुटिका

    असंभव को सम्भव बनाती है चमत्कारी दिव्य गुटिका /डिब्बी  =================================            आज के समय…

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    Tantra Marg
    May 28, 2019
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  • Tona-Totka and Tantra Abhichar

    तांत्रिक अभिचार रोकता है बगलामुखी कवच

    बगलामुखी यन्त्र से रोके/हटाये भूत–प्रेत ,वायव्य बाधा ,नकारात्मक ऊर्जा =================================         भगवती बगलामुखी दस…

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    Tantra Marg
    May 27, 2019
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    तांत्रिक अभिचार रोकता है बगलामुखी कवच
  • Self Evolution

    कुंडलिनी तंत्र साधना में प्रवेश कैसे हो ?

    कुंडलिनी तंत्र साधना में प्रवेश ==================== अक्सर हमारे पास युवकों ,युवतियों ,साधकों ,साधिकाओं के…

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    Tantra Marg
    May 24, 2019
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  • Self Evolution

    कुंडलिनी तंत्र साधना के नियम

    कुंडलिनी तंत्र साधना के नियम   ———————————— १. पूर्ण गोपनीयता का ध्यान रखते हुए गुरु…

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    Tantra Marg
    May 24, 2019
    READ MORE: कुंडलिनी तंत्र साधना के नियम
  • Self Evolution

    तंत्र में पंचमकार ,क्यों–कब–कैसे

    तंत्र में पंचमकार ,क्यों–कब–कैसे : ========================= साधारनतया यह विश्वास किया जाता है की मंत्र ,यन्त्र, पंचमकार ,जादू ,टोना आदि जिसपद्धति में हो वही तंत्र है |कुछ इस मत के हैं की पंचमकार ही सभी तंत्रों का आवश्यक अंग है |पंचमकार का अर्थ है जिसमे पांच मकार अर्थात पांच म शब्द से शुरू होने वाले अवयव आये यथामांस–मदिरा–मत्स्य–मुद्रा और मैथुन |कौलावली निर्णय में यह मत दिया है की मैथुन सेबढ़कर कोई तत्व् नहीं है| इससे साधक सिद्ध हो जाता है ,जबकि केवल मद्य से भैरव ही रहजाता है ,मांस से ब्रह्म ,मत्स्य से महाभैरव और मुद्रा से साधकों में श्रेष्ठ हो जाता है |केवलमैथुन से ही सिद्ध हो सकता है | इस सम्बन्ध में कुछ बातें ध्यान देने की हैं |प्रथम: पंचामाकारों का सेवन बौद्धों की बज्रयानशाखा में विकसित हुआ |इस परंपरा के अनेक सिद्ध, बौद्ध एवं ब्राह्मण परंपरा में सामान रूप सेगिने जाते हैं |बज्रयानी चिंतन ,व्यवहार और साधना का रूपांतर ब्राह्मण परंपरा में हुआ ,जिसेवामाचार या वाम मार्ग कहते हैं |अतः पंचमकार केवल वज्रयानी साधना और वाम मार्ग मेंमान्य है |वैष्णव, शौर्य, शैव ,व् गाणपत्य तंत्रों में पंचमकार को कोई स्थान नहीं मिला |काश्मीरीतंत्र शास्त्र में भी वामाचार को कोई स्थान नहीं है |वैष्णवों को छोड़कर शैव व् शाक्त में कहीं कहींमद्य, मांस व् बलि को स्वीकार कर लिया है ,लेकिन मैथुन को स्थान नहीं देते |   वाममार्ग की साधना में भी १७–१८ वि सदी में वामाचार के प्रति भयंकर प्रतिक्रिया हुई थी |विशेषकर महानिर्वाण तंत्र ,कुलार्णव तंत्र ,योगिनी तंत्र ,शक्ति–संगम तंत्र आदि तंत्रों मेंपंचाम्कारों के विकल्प या रहस्यवादी अर्थ कर दिए हैं |जैसे मांस के लिए लवण ,मत्स्य के लिएअदरक ,मुद्रा के लिए चर्वनिय द्रव्य , मद्य के स्थान पर दूध ,शहद ,नारियल का पानी ,मैथुन केस्थान पर साधक का समर्पण या कुंडलिनी शक्ति का सहस्त्रार में विराजित शिव से मिलन |यद्यपि इन विकल्पों में वस्तु भेद है ,लेकिन महत्वपूर्ण यह है की वामाचार के स्थूल पंचतत्वशक्ति की आराधना के लिए आवश्यक नहीं हैं |लेकिन यह भी सही है की अभी भी अनेकवामाचारी पंचमकरो का स्थूल रूप में ही सेवन करते हैं |अतः शक्ति आराधना के लिए स्थूल रूपमें पंचमकार न तो आवश्यक है न ही उनसे कोई सिद्धि प्राप्त होने की संभावना है | सारे पृष्ठभूमिपर दृष्टि डालने पर ज्ञात होता है की मूलतः पंचमकारों के उपयोग की शुरुआत संभवतःआवश्यक तत्व के रूप में नहीं हुई होगी ,अपितु यह तात्कालिक सहजता के अनुसार साधना कोपरिवर्तित करने के लिए हुई होगी |जब यह शुरू हुआ उस परिवेश के अनुसार मांस–मदिरा मत्स्य का उपयोग करने वालों के लिए एक साधना पद्धति का विकास हुआ होगा जिसमे यहपदार्थ अनुमान्य किये गए ,सामान्य वैदिक साधनों में मैथुन की वर्जना रहती है जिससे भीअसुविधा महसूस हुई होगी और इसे अनुमन्य कर इसके साथ विशेष विधि और नियमो काविकास किया गया ,साधनाओं में पहले से मुद्रादी का उपयोग होता था इसे सम्मिलित कर लिया गया  कुल मिलाकर एक ऐसी पद्धति विकसित की गयी जिसमे सामान्य जन भी भागीदारी करसकें चूंकि यह जन सामान्य के पारिवारिक और दैनिक जीवन के अनुकूल था अतः इसका बहुततेजी से विकास और विस्तार हुआ ,साथ ही सुधार भी आये और कुछ दोष भी कुछ जगहों परजुड़ते गए किन्तु मूल रूप से यही आवश्यक तत्व नहीं थे ,इनके वैकल्पिक स्वरुप भीसमानांतर थे और ग्राह्य भी हुए |शक्ति साधना के क्रम में शारीरिक ऊर्जा और उग्रता बढ़ाने केसाथ ही दैनिक असुविधा के दृष्टिगत इनका विकास हुआ किन्तु विकल्पों के साथ भी साधना संभव थे और होते भी थे अतः यह कहना की यह आवश्यक तत्व हैं निरर्थक है |………………………………………………………….हर–हर महादेव

    BY

    Tantra Marg
    October 8, 2018
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